सेठ राम गुलाम पटेल इंटर कॉलेज महमूदाबाद में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मनाया गया |

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संवाददाता-आकांक्षा मेहरा/इनसाइड कंट्री न्यूज़, सीतापुर :सेठ राम गुलाम पटेल इंटर कॉलेज महमूदाबाद में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मनाया गया |इस अवसर पर सर्व सम्मानित अतिथि गण, कोषाध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश कुमार ,वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र कौल,उपाध्यक्ष नरेश चंद्र, प्रबंधक डॉक्टर विनीता चंद्रा, संरक्षक डॉ हरिश्चंद्र , प्रभारी प्रशासन मंडल भानु प्रताप सिंह,इंचार्ज ए पी सिंह ने श्रद्धा सेठ राम गुलाम पटेल इंटर कॉलेज महमूदाबाद में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मनाया गया।कोषाध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश कुमार ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए अपने संबोधन में कहा- कि श्री गुरु तेग बहादुर जी सिख के नौवें गुरु थे विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान आदित्य है।
वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र कौल ने बताया कि- श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अपना बलिदान न केवल धर्म पालन के लिए अपितु मानवीय सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए दिया था धर्म उनके लिए सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन विधान का नाम था ।
प्रबंधक डॉ विनीता चंद्रा ने अपने वक्तव्य में कहा- कि श्री गुरु तेग बहादुर के शहादत ने मानव अधिकारों की सुरक्षा को सिख पहचान बनाने में मदद की श्री गुरु तेग बहादुर जी ने समाज के कल्याण के लिए ज्ञान का प्रचार प्रसार किया।
संरक्षक डॉक्टर हरीश चंद ने श्रद्धांजलि देते हुए अश्रुपूरित भाव में व्यक्त किया- कि श्री तेग बहादुर साहब धर्म की रक्षा के लिए स्वयं को बलिदान कर देने वाले उच्च व्यक्तित्व थे मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर उन्हें 24 नवंबर 1675 को हत्या की गई थी औरंगजेब ने उन्हें सिख धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दबाव डाला था लेकिन श्री गुरु तेग बहादुर जी उसके दबाव के आगे नहीं झुके उन्होंने धर्म परिवर्तन के बजाय शहादत को चुना उन्होंने अपने इस सर्वोच्च बलिदान से सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का बड़ा संदेश दिया।
प्रभारी प्रशासन मंडल भानु प्रताप सिंह ने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने समाज के कल्याण के लिए कई स्थानों पर कुआं खुदवा या और धर्मशालाएं बनवाई समाज में चले आ रहे रूढ़िवादी परंपराओं और अंधविश्वासों की आलोचना की और जनकल्याणकारी योजनाओं पर जोर दिया।
इंचार्ज महोदय ए पी सिंह ने अपने संबोधन में कहा -कि एक सज्जन व्यक्ति वह होता है ,जो कभी भी जाने अनजाने में किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचाता है ,छोटे-छोटे कार्यों से ही महान कार्य बनते हैं प्रत्येक प्राणी के लिए अपने मन में दया का भाव रखना चाहिए घृणा और नफरत से केवल विनाश होता है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुधीर कुमार, उप प्रधानाचार्य अश्वनी कुमार, समन्वयक सत्यम मिश्रा,एनसीसी चीफ प्रॉक्टर दुर्गेश कुमार एवं समस्त अध्यापकों ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए स्मरण व नमन किया।

कोषाध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश कुमार ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए अपने संबोधन में कहा- कि श्री गुरु तेग बहादुर जी सिख के नौवें गुरु थे विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान आदित्य है।वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र कौल जी ने बताया कि- श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अपना बलिदान न केवल धर्म पालन के लिए अपितु मानवीय सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए दिया था धर्म उनके लिए सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन विधान का नाम था ।
प्रबंधक डॉ विनीता चंद्रा ने अपने वक्तव्य में कहा- कि श्री गुरु तेग बहादुर के शहादत ने मानव अधिकारों की सुरक्षा को सिख पहचान बनाने में मदद की श्री गुरु तेग बहादुर जी ने समाज के कल्याण के लिए ज्ञान का प्रचार प्रसार किया।
संरक्षक डॉक्टर हरीश चंद ने श्रद्धांजलि देते हुए अश्रुपूरित भाव में व्यक्त किया- कि श्री तेग बहादुर साहब धर्म की रक्षा के लिए स्वयं को बलिदान कर देने वाले उच्च व्यक्तित्व थे मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर उन्हें 24 नवंबर 1675 को हत्या की गई थी औरंगजेब ने उन्हें सिख धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दबाव डाला था लेकिन श्री गुरु तेग बहादुर जी उसके दबाव के आगे नहीं झुके उन्होंने धर्म परिवर्तन के बजाय शहादत को चुना उन्होंने अपने इस सर्वोच्च बलिदान से सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का बड़ा संदेश दिया।
प्रभारी प्रशासन मंडल भानु प्रताप सिंह जी ने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने समाज के कल्याण के लिए कई स्थानों पर कुआं खुदवा या और धर्मशालाएं बनवाई समाज में चले आ रहे रूढ़िवादी परंपराओं और अंधविश्वासों की आलोचना की और जनकल्याणकारी योजनाओं पर जोर दिया।
इंचार्ज महोदय ए पी सिंह ने अपने संबोधन में कहा -कि एक सज्जन व्यक्ति वह होता है ,जो कभी भी जाने अनजाने में किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचाता है ,छोटे-छोटे कार्यों से ही महान कार्य बनते हैं प्रत्येक प्राणी के लिए अपने मन में दया का भाव रखना चाहिए घृणा और नफरत से केवल विनाश होता है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुधीर कुमार, उप प्रधानाचार्य अश्वनी कुमार, समन्वयक सत्यम मिश्रा,एनसीसी चीफ प्रॉक्टर दुर्गेश कुमार एवं समस्त अध्यापकों ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए स्मरण किया।

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