लखनऊ इस्कॉन मन्दिर हरे कृष्ण महामंत्र की गूंज से गुंजायमान हो उठा || शरीर से मिलने वाला सुख क्षणिक है-अपरिमेय श्याम प्रभु जी

संवाददाता-सौरभ निगम(इनसाइड कंट्री न्यूज़)लखनऊ,श्री श्री राधा रमण बिहारी मंदिर (इस्कॉन) सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ के माध्यम से लखनऊ के श्रीयुत रमेश अग्रवाल जी, (पूर्व उपाध्यक्ष अग्रवाल शिक्षा संस्थान), श्रीयुत रमेश अग्रवाल, अध्यक्ष, लोहा व्यापार मंडल एवं श्रीयुत अभिषेक गुप्ता, सदस्य, लोहा व्यापार मंडल द्वारा विशेष गीता सत्र का आयोजन व्यापारी बंधुओ के लिए कराया गया, जिसमें(“मैं कौन हूं” , भगवान कौन है? भगवान से हमारा सम्बन्ध क्या है? अच्छे लोगों के साथ बुरा और बुरे लोगों के साथ अच्छा क्यों होता है? का परिचय कराया इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी ने),मुख्य अतिथि के रूप में श्रीयुत विद्या सागर गुप्ता जी, पूर्व विधायक एवं श्रीयुत सुधीर हलवासिया जी, मंत्री अग्रवाल शिक्षा केंद्र ने दीप प्रज्वलित कर सेमिनार का प्रारंभ किया।मंदिर अध्यक्ष एवं वक्ता श्रीमान अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी ने बताया कि अधिकतर संसार मे हम अपनी पहचान अपने नाम, ख्याति एवं अपने शरीर से करते हैं, लेकिन वास्तव में हम भगवान के अंश हैं। हम जीवात्मा हैं और हम जितना सुख लेना चाह रहे हैं, वह शरीर के स्तर पर पा लेना चाह रहे हैं। शरीर से मिलने वाला सुख क्षणिक है स्थाई सुख नही है। स्थायी सुख ऐसा सुख है, जो निरन्तर बढ़ता जाए उसे आनंद बोलते हैं।आनंद को प्राप्त करने के लिये हमे आध्यात्मिक जीवन को गंभीरता से लेना पड़ेगा फिर निश्चित रूप से हम आनंद को प्राप्त कर सकते हैं और आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति के लिये अध्यात्मिक ज्ञान का होना अति आवश्यक है। बिना आध्यात्मिक ज्ञान के कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिक जीवन को सही तरीके से नही अपना सकता। सामान्य तौर पर देखा जाता है कि संसार मे बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो आध्यात्मिक जीवन को अपनाने में वास्तव में आध्यात्मिक ज्ञान को गंभीरता से नहीं लेते और कोई भी ज्ञान तब एक फलीभूत नहीं होता जब तक क्रमबद्ध तरीके से न लिया जाए तो वह ज्ञान हमारे जीवन पर प्रभाव नहीं डालता।अतः वह ज्ञान हमारे हृदय में उतर नहीं पाता। इसी प्रकार से आध्यात्मिक जीवन को क्रमबद्ध तरीके से लेना चाहिए।गीता सत्र में लखनऊ के व्यापारी गण एवं गणमान्य भक्त उपस्थित रहे, सभी भक्तों ने श्रीकृष्ण भगवान के भजन कीर्तन तथा विशेष भोजन प्रसाद का आनंद उठाया।
अंत में मंदिर अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी ने उपस्थित पत्रकारों (प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) को उनके सतत सहयोग के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया |